एलर्जी से बचने के लिए करें इन चीज़ों को घर से दूर


अलग-अलग लोगों में एलर्जी को बढ़ाने वाले कारण अलग होते हैं। (allergic, allergy particles things at home) जहाँ कई लोगों को धूल से सांस लेने में दिक्क्त होती है वहीं कुछ लोग पालतू जानवर के बालों से आँखों को हुए संक्रमण से परेशान रहते हैं। पर अक्सर ये कारण हमारे घर में इतने आम होते हैं की इनके होने का हमें पता ही नहीं चल पाता।

अगर आपको भी बार-बार एलर्जी या बीमारियों से जूझना पड़ रहा है पर वजह समझ नहीं पा रहे हैं तो इन 8 एलर्जी कारकों को जल्द अपने घर से बाहर कर दें-

पराग-

हवा में उड़ते पराग अक्सर परागज-ज्वर व् अन्य मौसमी एलर्जी का कारण बनते हैं। इनसे छींक, सर्दी, नाक बंद होना, खुजली या आँखों से पानी आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इनका उपचार जहाँ कुछ आम दवाओं से हो सकता है वहीं इनसे बचने के लिए तेज़ हवाओं में तथा धुप में घर पर रहने की सलाह दी जाती है। अपने कपड़ों को भी पराग फैलने वाले मौसम में बाहर सुखाने से बचना चाहिए।

धूल के कण-

घर की धूल के साथ सूक्ष्म कीटाणु भी हवा में रहते हैं। इन कीटाणुओं से पराग से होने वाली एलर्जी की तरह ही लक्षण देखने को मिलते हैं लेकिन इनसे एलर्जी आशंका पुरे साल बनी रहती है। इनसे हुई एलर्जी दवाओं से ठीक की जाती है। ऐसी एलर्जी से बचने के लिए गद्दों, तकिया और कारपेट के नीचे विशिष्ट कवर लगाए जाते हैं। चादरों को हर हफ्ते गर्म पानी में धोना सुनिश्चित करें तथा घर के हर कोने को साफ़ रखने की कोशिश करें। घर में नमी 45 प्रतिशत से ज़्यादा न हो जाए इसकी कोशिश करें।

फफूंद-

पराग की तरह फफूंद भी हवा में तैर सकती है। ये भी एलर्जी होने का एक मुख्य कारण है खासकर जब आपके बाथरूम में नमी बनी रहती हो या घर के आस-पास घास, भूसा, मशरुम आदि हो। घर में फफूंद होने पर एलर्जी की आशंका पुरे साल बने रह सकती है जिससे छींक, खुजली, आँखों से पानी बहना, नाक बहना आदि समस्याएं हो सकती हैं। इनसे बचने के लिए घर के आस-पास सफाई रखें तथा कमरों और बाथरूम को हवादार रखें। पानी टपकने वाली जगहों को सुधारें व् घर के अंदर कम पौधे रखें।
जानवर और कॉकरोच-

जानवरों के बाल, थूक और पेशाब में मौजूद प्रोटीन कई लोगों की एलर्जी का कारण होता है। ऐसी एलर्जी पनपने में 2-3 साल ले लेती है तथा जानवरों के दूर हो जाने के महीनों बाद तक बनी रह सकती है। इसलिए ये कारण अक्सर लोगो से चूक जाता है। मुख्य लक्षण छींक, खुजली और आँखों से पानी बहना है। कॉकरोच भी इसी तरह की एलर्जी को जन्म देते हैं। इनसे बचने के लिए कोशिश करें की आपका पालतू कम से कम आपके बैडरूम से दूर रहे। इन्हें गद्दे लगे फर्नीचर से दूर रखें तथा हफ्ते में एक बार ज़रूर नहलाएं। कॉकरोच को दूर रखने के लिए साफ़-सफाई बरतें तथा विशेष स्प्रे का सहारा लें।

कीड़ों के काटने से-

कीड़ों के काटने पर सभी को थोड़ा दर्द, सूजन और लालपन अनुभव होता है। पर इसकी एलर्जी से ग्रसित लोगों में लक्षण और भी गंभीर तथा जानलेवा हो सकते हैं। इससे उलटी, थकान, बुखार एवं अन्य समस्याएं हो सकती है। कुछ मामलो में पुरे शरीर में एलर्जी के लक्षण देखे जाते हैं जिसे अनफिलैक्सिस कहा जाता है। ऐसा होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें तथा ज़रूरी दवाएं लें। इस अवस्था से बचने के लिए गहरे रंग के कपड़े तथा परफ्यूम आदि पहनकर घर के बाहर न निकलें। हमेशा जूते पहने तथा गंदगी के ढेर से दूर रहें। अगर आपको इस एलर्जी का गंभीर खतरा है तो ज़रूरी दवाओं को अपने साथ रखना ही समझदारी है।

लैटेक्स-

कुछ लोगों में लैटेक्स के दस्तानों से भी एलर्जी देखी जाती है। ऐसे में नाक बहना, त्वचा में खुजली होना, आँखों में जलन होना, छींकना, खाँसना तथा साँसें उथली होना जैसी समस्याएं सामने आती हैं। इससे बचने के लिए सबसे पहले लैटेक्स से बने प्रसाधन को दूर करें। ऐसे सामान चुनें जो इस सामग्री से मुक्त हो।

कुछ आहार-

दूध, मछली, मेवे, गेंहू और अण्डों में कुछ आम एलर्जी कारक तत्व होते हैं। इनके सेवन के मिनटों बाद ही आपको अस्थमा, उलटी, दस्त तथा मुँह में सूजन की शिकायत हो सकती है। ऐसा होने पर तुरंत चिकित्सक से एड्रेनलिन का इंजेक्शन लेने की ज़रूरत होती है। इस तरह की एलर्जी होने पर इन आहारों से दूर रहें।

दवाएं-

एस्पिरिन या पेनिसिलिन जैसे कई रसायनों से लोगों में एलर्जी देखी जाती है। आम लक्षण सूजन, आँखों में खुजली, शरीर पर खुजली आदि होते हैं जो गंभीर रूप भी ले सकते हैं। इन दवाओं को पहचानकर इनसे दूर रहें तथा अपने चिकित्सक से उपचार लेते हुए इसके बारे में बताएं। लक्षण गंभीर होने पर भी परामर्श लें।

Javed shaha

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